हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014

हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014

 प्रस्तावनाः-

 भवन एवं अन्य संनिर्मा ण श्रमिक कल्याण म ंडल द्वारा हिताधिकारी की सामान्य म ृत्य ु अथवा द ुर्घ टना म ें म ृत्य ु या घायल हा ेन े की दशा में सहायता राशि दिये जान े के संबंध में तीन अलग अलग या ेजनाएं, सम ूह बीमा (जनश्री बीमा) या ेजना, द ुर्घटना में (मृत्य ु या घायल होन े की दशा में) तत्काल सहायता योजना एवं म ृत्यु की दषा म ें अन्त्येष्टि सहायता एव ं अन ुग ्रह भ ुगतान योजना संचालित की जा रही ह ै। इन या ेजनाआ ें की समान प्रक ृति हा ेन े क े कारण हिताधिकारी का े उक्त या ेजनाआ ें म ें लाभ प्राप्त करन े ह ेत ु अलग-अलग आवेदन करन े पडत े ह ै। अतः आव ेदन म ें हा ेन े वाल े असुविधा को समाप्त कर प ्रक्रिया का े सरल एवं स ुगम बनान े के उद्देष्य से वर्त मान म ें संचालित तीनो या ेजनाआ ें का े सम्मिलित करत े ह ुय े उपरा ेक्त शीर्ष क से एक ही या ेजना बनाय े जाने का निर्ण य मण्डल द्वारा लिया गया है। 1.(प) यह या ेजना राजस्थान भवन एवं अन्य संनिर्मा ण श्रमिक कल्याण मण्डल म ें प ंजीकृत ‘‘हिताधिकारी के लिए सामान्य म ृत्य ु अथवा द ुर्घटना मंे (म ृत्यु या घायल होन े की दशा में) सहायता या ेजना‘‘ कहलायेगी। (पप) यह या ेजना सम्पूर्ण राजस्थान में प्रभावी हा ेगी। (पपप) यह या ेजना भवन आ ैर अन्य संनिर्मा ण कर्म कार (निया ेजन तथा सेवा शर्ता े का विनियमन) अधिनियम, 1996 की धारा 22(1) (क) सपठित राजस्थान नियम 2009 क े नियम 57 व 58 क े अन्तर्ग त दिना ंक 31.03.2013 से लाग ू हा ेगी। (पअ) यह या ेजना उन भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्म कारा ें पर प ्रभावशील होगी जो भवन एवं अन्य संनिर्मा ण कार्या े म ें निया ेजित ह ै तथा अधिनियम की धारा 12 क े अन्तर्ग त हिताधिकारी क े रूप म ें पंजीक ृत ह ै तथा उन्ह े मण्डल द्वारा परिचय पत्र जारी किया गया है आ ैर वे अपना अंशदान नियमित रुप से जमा करवा रह े ह ै। (2) परिभाषाएंः- इन नियमा ें म ें जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो- (प) ‘‘अधिनियम’’ से भवन आ ैर अन्य संनिर्मा ण कर्मकार (निया ेजन तथा सेवा शर्ता े का विनियमन) अधिनियम 1996 (1996 का 27) से अभिप्रेत ह ै। (पप) ‘‘बा ेर्ड ’’ से अधिनियम की धारा 18 की उप-धारा (1) के तहत गठित भवन और अन्य संनिर्मा ण कर्मकार कल्याण बा ेर्ड अभिप्रेत ह ै। (पपप) ‘‘सचिव’’ से अधिनियम की धारा 18 की अधीन निय ुक्त बा ेर्ड के सचिव से अभिप्रेत ह ै। (पअ) ‘‘द ुर्घ टना’’ से तात्पर्य कार्य के दा ैरान, कार्य स्थल से घर आत े समय, कार्य स्थल से घर जात े समय अथवा किसी भी रुप में हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक के द ुर्घ टनाग्रस्त होन े से ह ै। (अ) ‘‘आश्रित’’ से आशय ऐसे पंजीक ृत हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक का निम्नान ुसार का ेई भी रिश्त ेदार आश्रित माना जावेगा- -पत्नी अथवा पति (यथास्थिति अन ुसार ) -अवयस्क प ुत्र -अविवाहित पुत्री -प ूर्व म ृतक बेट े की विधवा आ ैर बच्चे -आश्रित माता-पिता (अप) ‘‘परिवार’’ से आशय निर्मा ण श्रमिक के पति/पत्नी (यथास्थिति अन ुसार) अवयस्क पुत्र, अविवाहित पुत्री, माता-पिता आ ैर म ृतक बेट े की विधवा एवं बच्चे सम्मिलित मान े जायेग े। परिभाषित न किए गए ह ै, शब्दों का निर्वचन -उन शब्दों या पदा ें क े संबंध म ें जा े इस या ेजना म ें परिभाषित नहीं किए गए किन्तु अधिनियम/नियम में परिभाषित या प्रयुक्त ह ै, का वही अर्थ होगा जो अधिनियम/नियम में परिभाषित ह ै। (3) योजना का विवरणः- (प) भवन और अन्य संनिर्मा ण कर्मकार (निया ेजन तथा सेवा की शर्तो का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 22(1)(क) सपठित राजस्थान नियम 2009 के नियम 57 व 58 क े अन्तर्ग त निर्मा ण श्रमिक की सामान्य म ृत्यु अथवा द ुर्घ टना म ें म ृत्यु या घायल हा ेने की दशा म ें म ुआवज े के रूप में सहायता दिए जान े ह ेत ु यह या ेजना लाग ू हा ेगी। इस या ेजना का लाभ सभी हिताधिकारी परिचय पत्र धारी निर्माण श्रमिका ें या उनक े नाम निर्देषित व्यक्तिया ें अथवा आश्रिता ंे को, हिताधिकारी का अंषदान नियमित रूप से जमा पाए जान े की स्थिति म ें प्राप्त हो सकेगा। (पप) पात्रता-(1) 18 से 60 वर्ष की उम ्र क े निर्मा ण श्रमिक इस या ेजना के लिए पात्र हा ेगें। (2) हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक जिनका धारा 12 क े अन्तर्ग त मण्डल में प ंजीयन हो चुका ह ै आ ैर जा े अपना अंशदान नियमित रुप से जमा करवा रह े ह ै। हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की समय-सीमा में 3 माह की षिथिलता होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)। (पपप) उत्तराधिकारी -हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक द्वारा अधिनियम क े अन्तर्ग त बन े राजस्थान नियमा ें क े तहत नाम निर्देशित किया गया नामिति तथा नामिति नहीं हा ेने की स्थिति म ें उसका पति/पत्नी (यथास्थिति अन ुसार) तथा इनके नहीं हा ेन े पर अवयस्क पुत्र अथवा अविवाहित पुत्रिया ंॅ, किसी अविवाहित या ऐस े निर्मा ण श्रमिक जिसक े पति/पत्नी या पुत्र/पुत्री न हो तो उनके पिता/माता को उत्तराधिकारी समझा जाव ेगा। (4) देय सहायता राशि-हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक की सामान्य म ृत्य ु अथवा द ुर्घ टना में (म ृत्य ु या घायल हा ेन े की दशा में) निम्नान ुसार सहायता राशि दी जावेगीः- (प) द ुर्घ टना में म ृत्यु हा ेन े पर रु0 5,00,000/- (पप) द ुर्घ टना में स्थायी प ूर्ण अप ंगता होन े पर रु0 3,00,000/- स्थायी प ूर्ण अपंगता से तात्पर्य द ुर्घ टना में दा े आ ंख या दोना ें हाथ या दोनांे पा ंव क े अक्षम हा ेन े स े ह ै। (पपप) द ुर्घ टना में आ ंशिक स्थायी अप ंगता हा ेन े पर रु0 1,00,000/- स्थायी आ ंशिक अप ंगता से तात्पर्य एक हाथ या एक पा ंव अक्षम हा ेन े से ह ै। (पअ) द ुर्घ टना में ग ंभीर रुप से घायल हा ेन े पर रु0 20,000/- तक द ुर्घ टना में ग ंभीर रुप से घायल हा ेन े से तात्पर्य हिताधिकारी के कम से कम 5 दिवस तक अस्पताल म ें अन्तरंग रा ेगी क े रुप म ें भर्ती रहन े से ह ै। ग ंभीर रुप से घायल होन े का निर्धारण म ेडिकल बा ेर्ड द्वारा जारी प ्रमाण-पत्र के आधार पर किया जाव ेगा। (अ) द ुर्घ टना में साधारण रुप से घायल हा ेन े पर रु0 5000/- तक साधारण रुप से घायल होन े से तात्पर्य 5 दिवस से कम अवधि तक अस्पताल म ें अन्तरंग रा ेगी क े रुप म ें भर्ती होन े से ह ै। (अप) निर्मा ण श्रमिक की सामान्य म ृत्यु हा ेन े पर 75,000/- नोटः-इस या ेजना में द ेय सहायता मुख्यम ंत्री सहायता का ेष से प्राप्त होन े वाली सहायता से अतिरिक्त होगी अर्था त म ुख्यम ंत्री सहायता कोष सहायता के साथ साथ इस या ेजना का लाभ भी देय हा ेगा। (5) आवेदन और भुगतान की प्रक्रियाः- (प) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की म ृत्यु हा ेन े पर उसक े नामिति/उत्तराधिकारी एवं घायल हा ेन े पर स्वय ं हिताधिकारी संबंधित जिला श्रम कार्यालय म ें आवेदन (संलग्न प ्रारुप) करेगा। (पप)ंण् हिताधिकारी निर्मा ण श्रमिक की मृत्यु हा ेन े पर उसके नामिंत/उत्तराधिकारी का े 10,000/� की अन्त्य ेष्टि सहायता आवेदन करन े की दिनांक से 7 दिवस म ें दी जावेगी। यह राषि हिताधिकारी क े आश्रित/नामिति का े क्षतिपूर्ति क े रूप म े दी जाने वाली राषि म ें से ही देय हा ेगी। मृत्य ु क े उपरान्त संपन्न होन े वाल े सामाजिक रीतिरिवाजा े एव ं स्थानीय प ्रथाआ ें क े प ्रति परिवार का े जागरूक बनाए जान े का े द ृष्टिगत रखत े ह ुए परिवार की परिस्थितिया ें पर विचार किया जाकर द ुर्घ टना म ें म ृत्यु की दषा म ें द ेय क्षतिपूर्ति राषि को एफडी मे जमा करवाये जान े क े बारे में श्रम विभाग के जिलास्तरीय कार्या लय म े पदस्थपित उच्चतम अधिकारी द्वारा विचार किया जायेगा। इण् म ृत्यु की दषा म ें सहायता राषि जिस आश्रित/नामांकित व्यक्ति का े द ेय ह ै, उसक े द्वारा इस आषय का एक शपथ-पत्र प्रस्त ुत करना हा ेगा कि प ्राप्त राषि का उपया ेग मृतक हिताधिकारी के सभी आश्रिता ें क े हितार्थ किया जाव ेगा। (पपप) हिताधिकारी क े घायल हा ेन े पर सहायता राशि हिताधिकारी द्वारा आवेदन करन े पर आव ेदन की प ूर्ति या ं सही पाए जान े पर 7 दिवस म ें स्वीक ृत कर दी जायेगी। (पअ) हिताधिकारी की मृत्य ु हा ेन े की दषा में सहायता प्राप्ति ह ेत ु आवेदन म ृत्य की तिथि से अधिकतम एक वर्ष की अवधि में स्वीकार्य हा ेंग े। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)। (अ) हिताधिकारी द्वारा दुर्घ टना में घायल हा ेने की दषा में सहायता प्राप्ति ह ेत ु आव ेदन दुर्घ टना तिथि या अस्पताल से डिस्चार्ज हा ेन े की तिथि से अधिकतम 6 माह म ें किया जा सकेगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09. 2015 द्वारा संषोधित)। (अप) हिताधिकारी की म ृत्य ु की दषा म ें, नियमित अंषदान जमा करान े की निर्धारित एक वर्ष की समय सीमा से 90 दिन तक का विलम्ब हा ेन े तक, योजना की अन्य शर्त ें प ूरी होन े पर सहायता दी जा सक ेगी। यह षिथिलता भूतलक्षी प ्रभाव से अर्था त ् या ेजना प ्रारंभ हा ेन े की तिथि से, ऐसे मामला ें म ें भी लाग ू होगी, जिनम ें आवेदन अंषदान जमा नहीं होन े के कारण अस्वीक ृत कर दिय े गये ह ैं अथवा विचाराधीन ह ै। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)। (6) सहायता राशि के लिए अपात्रताः- आत्महत्या या मादक द ्रव्या ें या पदार्था े क े सेवन से र्ह ुइ म ृत्यु अथवा अपराध करन े क े उद ेश्य से कान ून का उल्ल ंघन करक े एक द ूसरे से ह ुई मारपीट से र्ह ुइ म ृत्यु या घायल होन े की स्थिति में सहायता राषि द ेय नही ं हा ेगी। (7) सक्षम अधिकारीः- म ुआवजा राशि की स्वीकृति क े लिये श्रम विभाग क े जिला स्तरीय कार्या लय म ें पदस्थापित उच्चतम अधिकारी सक्षम अधिकारी होगा। (8) विसंगति का निराकरणः-या ेजना में उल्लिखित शर्तो/नियमों क े अतिरिक्त यदि का ेई विसंगति उत्पन्न होती ह ै ता े उस स्थिति म ें मण्डल सचिव का निर्ण य अंतिम होगा। नोटः-इस या ेजना के लागू होन े की दिना ंक से म ंडल द्वारा संचालित सम ूह बीमा (जनश्री बीमा) योजना, दुर्घ टना म ें (म ृत्यु व घायल हा ेन े की दशा म ें ) तत्काल सहायता योजना एव ं अत्य ेष्टि सहायता एव ं अन ुग ्रह भ ुगतान या ेजनाएंे समाप्त हा े जाव ेगी।

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